नेटिव पेड़: प्रकृति के रक्षक और क्लाइमेट चेंज के योद्धा [भाग-2]

नेटिव पेड़: प्रकृति के रक्षक और क्लाइमेट चेंज के योद्धा [भाग-2]

🌿 नेटिव पेड़: प्रकृति के रक्षक और क्लाइमेट चेंज के योद्धा

[भाग-2] — जब पेड़ नहीं काटे जाते, तब जंगल लौटते हैं…

Meri Mati में हमने बहुत से फ्रूटिंग ट्रीज़ लगाए हैं — आम, अमरूद, बेल, जामुन जैसे पेड़, जो न सिर्फ फल देंगे, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को पोषण और छाया भी देंगे।
लेकिन हमने एक भी पुराने नेटिव पेड़ को नहीं हटाया।
पेड़ काटना हमारे सिद्धांतों में कभी रहा ही नहीं।
क्योंकि हम जानते हैं —
अगर हम वही करेंगे जो दुनिया ने किया, तो हम भी उसी तबाही की ओर बढ़ेंगे।

🌳 एक पेड़ का बचना, एक जीवन का बचना है

जिन पेड़ों को हमने बचाकर रखा, वे आज घने हो गए हैं।
उनकी शाखाओं के नीचे हमने नए पौधे रोपे — फूलों वाले, फलदार, औषधीय, और मिट्टी को पोषण देने वाले।
गर्मी में जब ज़मीन झुलसती है,
जब 48°C-50°C की लू चलती है,
तब यही नेटिव पेड़ इन नाज़ुक पौधों को बचाते हैं,
जैसे कोई माँ अपनी संतान को आँचल में छुपा ले।


🔥 ग्लोबल वॉर्मिंग: हमारी करनी, हमारा दंड

आज हालात ये हैं कि
जहाँ हरियाली थी, वहाँ सीमेंट का जंगल है।
जहाँ पेड़ थे, वहाँ खनन और खुदाई है।
हर ओर मशीनें हैं, विस्फोट हैं,
और उसी का परिणाम है —
बदलती नदियाँ, बदलता मौसम, और डगमगाता जीवन।

दुबई में बाढ़, पहाड़ों में सूखा,
जबलपुर जैसी हरित भूमि में घटती बारिश,
और नर्मदा नदी का धीरे-धीरे खोता जलस्तर —
ये सब प्रकृति की चेतावनी हैं।

 


🛑 क्या हम भी सरस्वती और यमुना जैसी कहानियों का हिस्सा बनेंगे?

अगर हमने अब भी नदियों को नहीं बचाया,
अगर हमने अब भी पेड़ों को नहीं लगाया,
तो वो दिन दूर नहीं जब हम सिर्फ
नदी के नामों को इतिहास की किताबों में ढूंढते रहेंगे।


🌱 पेड़ लगाओ, पर साथ निभाओ

हर इंसान अगर सिर्फ एक पेड़ भी लगाए,
और उसे बड़ा होने तक संभाले,
तो हम करोड़ों पेड़ खड़े कर सकते हैं —
बिना किसी बजट के, बिना किसी कॉर्पोरेट प्लान के।

यह वही कोशिश है जो Meri Mati कर रही है —
बिना किसी फंड के, बिना किसी प्रचार के —
बस धरती माँ के लिए,
और आने वाली पीढ़ियों के लिए।


📖 अगले लेख में जानिए:

कैसे नेटिव प्लांट के साथ आप एक पूरा इकोसिस्टम तैयार कर सकते हैं — अपने खेत, बग़ीचे या किसी भी ज़मीन पर। कैसे आप अपने खेत या बगीचे में नेटिव वृक्ष लगाकर एक पूरा इकोसिस्टम तैयार कर सकते हैं।
पेड़ों की साझेदारी से एक जीता-जागता जंगल कैसे उगता है — पढ़िए Meri Mati के अनुभवों से।

👉 [भाग-3 पढ़ें – यहाँ क्लिक करें]

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