इस आर्टिकल में हम आपको नेटिव प्लांट के बारे में बताएंगे, नेटिव ट्री इसके महत्त्व के बारे में बताएंगे, जो बहुत जरूरी होता है किसी भी क्षेत्र में, किसी भी जगह में जो नेटिव ट्रीज होते हैं उनका बहुत अहमियत होती है वहां के क्लाइमेट चेंज को बचाने के लिए.
तो यह नेटिव प्लांट होते क्या है? नेगेटिव वृक्ष हम उसको कहेंगे जो किसी भी एरिया में, किसी भी क्षेत्र में बहुत सारी संख्या में मिलेंगे और जो आसानी से वहां पर उग जाएंगे और कई पीढियां से कई सदियों से वहां पर वह पेड़ पौधे या ट्रीस वहां पर आपने देखे होंगे.
जिस एरिया में मेरी माटी (Meri Mati) है, जबलपुर, मध्य प्रदेश, वहां पर बहुत सारे नेटिव वृक्ष हैं क्योंकि यहां पर बहुत सारे पेड़ पौधे मध्य प्रदेश में होते हैं जो बहुत औषधि का काम भी करते हैं वैसे तो हर पेड़ पौधों की अलग-अलग औषधि गुण होता है अगर कोई पॉइजन भी है तो भी वह पोइसोनोस प्लांट है अगर कोई है तो वह भी एक औषधि हुई बस हम उसको प्वाइजन बोल देंगे.
तो यहां पर अगर आप देखेंगे तो बहुत सारे पेड़ पौधे नेटिव वृक्ष में आते हैं कुछ के मैं नाम लूंगा और कुछ हो सकता है की लिस्ट में ना पाए जैसे कि यहां सबसे ज्यादा सागवान (Teak) होता है जिसकी लकड़ी यूज़ करते हैं लोग पूरे वर्ल्डवाइड में यूज़ होता है.
दूसरे पेड़ो के नाम पलाश, शीशम, अर्जुन, बाहेड़ा, उमर, पीपल, बरगद, खमारी, इत्यादि है और भी नाम है इसमें ऐड कर लूंगा महुआ है यहां के लोग महुआ के लोकल ड्रिंक बनाते हैं जो थोड़ा आप बोल दीजिए लोकल शराब जैसे रहता है.
यहाँ लोग जो महुआ के पेड़ से फल गिरते हैं उसको इकट्ठा करते हैं सुबह जाकर और उसको फिर सुखाते हैं उसको सुखाने के बाद उसे फिर वह उसको उबाल के कोई प्रक्रिया के थ्रू वह लोग उस ड्रिंक को बनाकर पीते हैं और बेचते भी हैं तो यह ड्रिंक यहां पर बहुत प्रसिद्ध है.
यहां पर बांस भी बहुत प्रसिद्ध है यहां के जो ग्रीन बम्बू है, कटंगा बम्बू है, येलो बम्बू है वह सब है पर इस आर्टिकल में मैं नेटिव वृक्ष के बारे में बोलूंगा. कई लोग जो भी अपना प्रॉपर्टी खरीदते हैं अगर मान लीजिए उसमें कोई प्लांटेशन करते हैं तो कई लोग एक ही तरीके के प्लांट्स कर देंगे जैसे आपको दिखेगा की सभी यूकेलिप्टस हमने लगा दिया, हजारों की संख्या में लगा दिया यूकेलिप्टस या कोई और मान लीजिए सागवान लगा दिया पर अगर आप मोनोक्रॉपिंग जैसे हम बोलते हैं अगर आप वह करेंगे पेड़ पौधों में भी तो वह सही नहीं है क्योंकि अगर आप एक ही तरीके का मोनोक्रॉपिंग करेंगे तो वह जमीन की जो पौष्टिकता है वह पूरी तरीके से नष्ट हो जाएगी, फर्टाइल नहीं करेगा और उपजाऊ जमीन बनाने के लिए आपको अलग-अलग तरीके के पेड़ पौधे चाहिए.
आपको उसमें अगर आप फूड फॉरेस्ट करना चाहेंगे तो कर सकते हैं आप उसमें फ्रुइटिंग वृक्ष लगा सकते हैं फूलों के भी पौधे आप लगा सकते हैं और सबसे जरूरी होता है नाइट्रोजन फिक्सिंग प्लांट जो उनकी जड़ों में नोड्स रहते हैं जो नाइट्रोजन निकलते हैं अपने नोड्स के थ्रू जमीन में तो वह जमीन को उपजाऊ बनाता है, बहुत ज्यादा जरूरी रहता है क्योंकि दूसरे पेड़ पौधे या हम सब्जी भी लगाते हैं उसमें नाइट्रोजन की बहुत जरूरत होती है तो आपको बाहर से खरीद के एनपीके (NPK) जैसे आता है केमिकल आपको वह अलग से डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि
जो नाइट्रोजन फिक्सिंग प्लांट होते हैं वृक्ष होते हैं वह अपने रूट के थ्रू नाइट्रोजन निकलते हैं और दूसरे पेड़ पौधे जिनको नाइट्रोजन की जरूरत होती है वहीं से लेते हैं और जब उनको खुराक मिलती है, उसे नाइट्रोजन मिलता है तो उनका अलग ही लुक दिखता है उनका बिल्कुल हेल्दी लुक दिखता है तो नेटिव प्लांट बहुत जरूरी है अगर मान लीजिए आपने फूड फॉरेस्ट प्लांट लगाए है आपने मान लीजिए आम लगाया है, सीताफल लगाया है, जैकफ्रूट लगाया है, अनार लगाया है, केला लगाया है, इत्यादि, तो जो भी आपने अगर फूड फॉरेस्ट में लगाया तो वहां पर नेटिव प्लांट बहुत जरूरी है क्योंकि नेटिव वृक्ष ही है जो उनको बचा के रखेंगे और इसलिए उनको छाया भी देंगे.
पढ़िए इस आर्टिकल का अगला भाग अगले ब्लॉग मे। यहाँ क्लिक करे…