इस आर्टिकल मे हम आपको सब्जियां जो हमने अपने मेरी माटी फार्म मे लगाए है उसके बारे मे बताएंगे। कौन सी सब्जियां हमने कैसे लगाए, ऑर्थोडॉक्स (orthodox) तरीके से नहीं किया जैसे आमतौर पर लोग करते है। हमने सस्टेनेबल लाइफस्टाइल ((sustainable) lifestyle) जीने का सोचा है और रहना शुरू भी कर दिया है। सस्टेनेबल लाइफस्टाइल अर्थात सस्टेनेबिलिटी (Sustainability) मतलब सचेत रहना। सस्टेनेबल लाइफस्टाइल अब एक आवश्यकता है हम सब के लिए। हम बहुत लालची हो गए है, हम अपनी हर ज़रूरत पर लालच को हावी होने दे रहे है, जो की बहुत गलत बात है। हमको संसाधनों को समाप्त नहीं होने देना है जिसके लिए हमको अपना जीवन प्राकृतिक, पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों का उपयोग शुरू करना होगा। यही सस्टेनेबल जीवन (sustainable life) है।
मेरी माटी परमाकल्चर फार्म है, सिर्फ नाम के लिए ही नहीं बल्कि हम सेल्फ सस्टेनेबल लाइफ (self sustainable life) के लिए बहुत कुछ कर रहे है जिसमे खाना एक अहम विषय है। सेल्फ सस्टेनेबल लाइफ का सबसे इम्पोर्टेन्ट पॉइंट (important point) जो होता है वह है की हम जो भी करे वह सब फार्म पे ही उत्पादन हो मतलब कोई भी चीज़ बाहर की आप यूज़ (use) नहीं करेंगे या बहुत ही कम या मिनिमम यूज़ (minimum use)। मेरी माटी फार्म मे कोई भी चीज़ वेस्ट (waste) नहीं कहलायगी। बल्कि यहाँ का बेसिक प्रिंसिपल (basic principle) या सिद्धांत है की हर चीज़ जिसको हम इंसान वेस्ट बोलते है उसका कोई ना कोई यूज़ (use) है बस हमको उसको कैसे यूज़ करना है यह जानना और समझना होगा।
हम बात कर रहे थे सेल्फ सस्टेनेबल लाइफ (self sustainable life) की जिसमे खाना एक अहम विषय है। खाने मे सब्जियां हम इंसान खाते है। हर सब्जी पोस्टिक होती है और हमको कई बीमारियों से बचाती है। हमको ताकत देती है जिससे हम कर्म भी करते है। हम सब्जियों के न्यूट्रिशनल वैल्यू (Nutritional value) की बात नहीं करेंगे बल्कि हमने मेरी माटी फार्म मे कैसे सेल्फ सस्टेनेबल लाइफ से अपना जीवन यापन कर रहे है इसकी बात बताएंगे। हमने कई सब्जिया लगाए है जिसमे लौकी, करेला, सेम, टमाटर, कद्दू, पालक, गाजर, आदि कुछ नाम है। यह सब सब्जिया हमने सिर्फ क्यारी मे नहीं लगाई जैसा आप आमतौर पर देखेंगे। हमने सब्जी को देखते हुई की कौन सी सब्जियां कलाइबर (climber) है, कौन सी सब्जियां रनर (runner) है, कौन जमीन के अंदर होती है (root), आदि।
जैसे गाजर जो हम खाते है वह जड़ से उगती है जमीन के अंदर। लौकी कलाइबर होती है मतलब उसको मदद चाहिए या पकड़ चाहिए जिसके लिए आमतौर पर कटे लकड़ी या बांस का उपयोग करते है पर हमने मेरी माटी फार्म मे बड़े पेड़ों के नीचे लगाया है जहा पेड़ की डाली को पकड़ कर लौकी की बेल चढ़ेगी जिससे लौकी भी जमीन की सतह से दूर रहेगी और सड़ेगी नहीं। ऐसे ही बाकि सब्जियां जो बेल से चढ़ती है जैसे करेला, सेम, हमने पेड़ों के नीचे लगाया है। हमको जगह को पूरा उपयोग कैसे करना है यह भी एक इम्पोर्टेन्ट पॉइंट (important point) है परमाकल्चर (permaculture) मे, बल्कि हर किसी को यह करना चाहिए चाहे वह कोई भी फील्ड (field) मे काम कर रहा हो।
टमाटर मिर्ची हमने साथ लगाए है, उनके साथ हमने गेंदा (Marigold) के कई पौधे बीच बीच मे लगाए है। गेंदा का पौधा कीड़ो को अपने पास आकर्षित करेगा और सब्जियों पे कीड़े नहीं लगने देगा। यह एक नेचुरल खेती का हिस्सा है, जरुरी नहीं हमको हर जगह किसी केमिकल (chemical) या पेस्टिसाइड (pesticide) का यूज़ करना पड़े। हमको प्रकृति ने ऐसे कई पौधे दिए है जिसका हम कई तरह से आयुर्वेदिक यूज़ कर सकते है चाहे वह हम अपने लिए करे किसी बीमारी के इलाज के लिए या फिर खेती मे जैसा हमने अभी बताया। हमने जाया पिट्स (zia pits) खुदवाये है जैसे हमने आपको जल संरक्षण आर्टिकल मे विस्तार से बताया था। जाया पिट्स के साथ हमने रेक्टेंगल शेप (rectangle shape) मे कई गड्ढे भी खुदवाये थे, उन गड्ढों मे हमने कई सब्जियां लगाई है जैसे पालक, गाजर।
ऐसे ही जगह का यूज़ करके मेरी माटी मे कई कार्य किये जा रहे है। उम्मीद है आप लोगो को भी हमसे प्रोत्साहन मिलेगा। मिलते है किसी महत्वपूर्ण विषय के साथ अगले आर्टिकल मे।