घास – सबसे बढ़िया मिट्टी का आवरण

घास – सबसे बढ़िया मिट्टी का आवरण

जी हां आपने सही पढ़ा घास जिसे अंग्रेजी में ग्रास (grass) बोलते हैं, जिसके नाम से ही और जिसे देखते ही अक्सर शहरी लोग ‘कचरा’ या ‘फालतू’ जैसे शब्दों से संबोधित करते हैं। वह लोग जो अपने आप को पढ़ा लिखा कहते हैं, अपने आप को डॉक्टर इंजीनियर बोलते हैं, बड़े-बड़े महलों में रहते हैं, वह लोग घास की अहमियत को नहीं जानते। घास को नजरअंदाज करते हैं, घास के गुना से अनजान है या जानकर भी अनजान बनने का नाटक और ढोंग करते हैं। हां यह बात सच है कि दुनिया मतलबी हो गई है पर इंसानों को प्रकृति के साथ ढोंग करने की हिम्मत भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि प्रकृति सब जानती है और एक पल में महाविनाश ला सकती है जिसे हम लोग ‘क्लाइमेट चेंज’ बोल रहे हैं। हम आज प्रकृति के विनाश या ‘क्लाइमेट चेंज’ के बारे में गहराई से बात नहीं करेंगे बल्कि आज हम बात करेंगे जमीन की ऊपरी सतह यानी ऊपरी मिट्टी या टॉप सॉइल (top soil) एक्सपोज नहीं रहनी चाहिए इससे मिट्टी और जमीन की गुणवत्ता खत्म होती जा रही है या सीधे शब्दों में कहें तो जमीन अनुपजाऊ रहती है।

किसी भी जमीन को उपजाऊ बनाने का सबसे पहला कदम होना चाहिए कि वहां हमको घास उगाना पड़ेगा क्योकि घास सबसे बढ़िया साइल कवर (soil cover) है अर्थात – सबसे बढ़िया मिट्टी का आवरण है। हां अगर हमको खेती करनी है तो अलग बात है क्योंकि कोई भी खेती हो उससे ऊपरी मिट्टी की सतह यानि टॉप साइल (top soil) तो ढकी ही रहेगी। अगर हम गेहूँ (wheat), मटर (peas), जई (oats), जौ (barley), आदि की खेती करते है तो मिट्टी ढकी रहती है। और इसलिए इसको अंग्रेजी में हम कवर क्रॉप (cover crop) भी बोलते हैं। पर अगर जमीन खाली हो या बंजर हो, जहां कोई खेती नहीं होती हो तो हम क्या करे? हम उस जमीन को उपजाऊ कैसे बनाये?

Transformation at Meri Mati Farm in 6 months because of grass covering on top soil.

हम इस आर्टिकल में बात कर रहे हैं किसी भी इनफर्टाइल (infertile) ya अनुपजाऊ जमीन को फर्टाइल (fertile) या उपजाऊ कैसे बनाएं वह भी नेचुरल तरीके से और इसके लिए ऊपरी मिट्टी की सतह का आवरण करना बहुत जरूरी है।

अब सवाल उठता है कि ऊपरी जमीन को कवर (cover) करने की जरूरत ही क्यों है? इसका सीधा सा जवाब है अगर मिट्टी के ऊपरी सतह खाली रहेगी या मिट्टी एक्सपोज (expose) रहेगी तो वह सूरज की तेज किरणों से सीधा संपर्क पे रहेगी जिससे मिट्टी पर नमी बिल्कुल नही रहेगी। नमी जिसको अंग्रेजी मे मॉइस्चर (moisture) कहते है। और नमी ही है जो अगर मिट्टी पे नही रहेगी तो लाइफ ही नहीं रहेगी। नमी या मॉइस्चर यानी हम सीधे बोले पानी, जल या अंग्रेजी मे वाटर (water) मिट्टी मे बरक़रार तभी रहेगी अगर सूरज की किरणे सीधे मिट्टी तक ना पहुंचे। पर यह कैसे हो सकता है? यह तभी हो सकता है अगर घास ऊपरी मिट्टी पर रहेगी और घास ऊपरी मिट्टी पर रहेगी तो सूरज की तेज किरणे मिट्टी तक नही पहुंचेगी और मिट्टी की नामी काफी टाइम तक बरकरार रहेगी।

इस पूरे प्रोसेस (process) या प्रक्रिया को हमने मेरी माटी में लागु किया और 4 साल में ही हमको अदभुत परिणाम मिले है। हलाकि यह प्रक्रिया बहुत लम्बा होता है और आने वाले समय मे हम मेरी माटी फार्म मे अनुपजाऊ जमीन को उपजाऊ होते हुए देखेंगे।

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